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क्यों वर्जित है स्त्रियों को नारियल फोड़ना? (Why aren't Women Allowed to Break Coconuts)

नारियल सनातन धर्म में अत्यंत मंगलकारी और पावन माना जाता है। किसी भी शुभ कार्य का शुभारम्भ नारियल फोड़ने के साथ ही किया जाता है। कोई घर पर कार लेकर आता है तो पहले नारियल तोडा जाता है, गृहप्रवेश से पहले भी नारियल तोडा जाता है ऐसे ही नयी दुकान या कोई घर की नींव रखने से पहले भी नारियल तोडा जाता है। शादी ब्याह और नामकरण आदि जैसे शुभ कार्यों में रिश्तेदारों व मेहमानों को नारियल बांटा जाता है। अर्थात नारियल के बिना हिन्दू धर्म में कोई भी कार्य पूर्ण नहीं होता, किन्तु क्या आपने कभी ध्यान दिया है की नारियल हमेशा पुरुष ही तोड़ते हैं, कभी स्त्रियां नारियल तोड़ती हुई दिखाई नहीं देतीं। ऐसा क्यों है, आइये जानते हैं इसका कारण- 

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श्रीफल है माता लक्ष्मी का स्वरूप :-

पौराणिक कथाओं के अनुसार विष्णु भगवान को नारियल अत्यंत प्रिय है क्योकि उसमे लक्ष्मी जी का वास होता है। नारियल को 'श्रीफल' भी कहा जाता है तथा 'श्री' का अर्थ है 'लक्ष्मी', अर्थात श्री फल लक्ष्मी  जी का आशीर्वाद है। श्रीफल में त्रिनेत्र भी होते हैं, जिन्हे त्रिदेवों- ब्रह्मा विष्णु महेश का स्वरुप कहा जाता है। वहीँ कुछ लोग इन त्रिनेत्रों को शिव के त्रिनेत्रों से जोड़ते हैं।​

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श्रीफल है बीज रूप :-

कुछ कथाओं के अनुसार, पौराणिक काल में सिद्धियों की प्राप्ति अथवा किसी अनुष्ठान में मानव बलि की प्रथा थी, जिसे समाप्त करने के लिए ही मानव के स्थान पर नारियल की बलि देना प्रारम्भ हुआ। इसलिए कोई वैदिक या दैविक पूजन प्रणाली में श्रीफल की बलि आवश्यक मानी गयी है।​

इन सब के बीच एक तथ्य यह भी है कि महिलाएं नारियल नहीं फोड़तीं। इसका कारण है की श्रीफल बीज रूप है, तथा बीज में प्रजनन क्षमता होती है अर्थात श्रीफल उत्पादन का कारक माना जाता है। स्त्रियां भी बीज रूप से ही शिशु को जन्म देतीं हैं और इसीलिए बीज को स्त्री द्वारा तोडना अशुभ माना जाता है। इसी कारण से पुरुष द्वारा ही ये नारियल अथवा श्रीफल तोडा जाता है।  

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नारियल से जुड़ी अन्य विशेषताएं :-

  • शादी ब्याह, नामकरण आदि जैसे बड़े बड़े शुभ कार्यों में आगंतुकों को नारियल भेंट करने की परंपरा युगों से निभाई जा रही है। श्री फल भेंट करना शुभ शगुन माना जाता है।​
  • श्री फल सुख समृद्धि तथा उन्नति का भी प्रतीक है, किसी पूजा के आरम्भ में एक कलश की स्थापना की जाती है तथा उस कलश में श्रीफल को रखा जाता है।​
  • चूँकि श्रीफल में लक्ष्मी जी का वास होता है, इसलिए इसे घर में रखने से धन सम्बन्धी साड़ी समस्याएं दूर होतीं हैं।​
  • किसी यज्ञ में भी आहुति के लिए सूखे नारियल का प्रयोग होता है, और अंतिम संस्कार में भी नारियल चिता के साथ जलाये जाते हैं।  ​

पैसे की कमी नहीं होने देता एकाक्षी नारियल :-

नारियल के भी अनेक प्रकार होते हैं, जिनमे से एक है एकाक्षी नारियल जो की मिलना अत्यंत दुर्लभ है। सामान्यतया नारियल की जटा के नीचे दो बिंदु होते हैं, किन्तु यदि किसी नारियल में एक बिंदु हो तो वह एकाक्षी नारियल कहलाता है। एकाक्षी नारियल चमत्कारी होता है, तथा जिस घर में रखा जाता है वहां लक्ष्मी जी का निवास हो जाता है और घर की धन सम्बन्धी सारी समस्याएं समाप्त हो जाती हैं। घर में सकारात्मकता आती है, वास्तु दोष खतम हो जाते हैं तथा सफलता का प्रवेश घर में हो जाता है।​

 

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