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क्यों है सनातन धर्म में गौमाता पूजनीय ?

गौ माता हमेशा से ही हमारे हिन्दू धर्म में बहुत पवित्र व पूजनीय मानी गई हैं, सभी धर्मों में से केवल सनातन धर्म में ही गाय को माता का दर्जा दिया जाता है, गाय ने हमें बहुत सी चीज़ें दी हैं जो बेहद पवित्र होती हैं, मान्यता है कि गौ माता में 33 कोटि देवी देवता निवास करते हैं।
विद्वानों तथा शास्त्रों के अनुसार कुछ पशु पक्षी ऐसे हैं जो कि अपनी आत्मा की विकास यात्रा के आखिरी पड़ाव पर होते हैं, इनमें से गौ माता भी एक है उसके बाद वह आत्मा मनुष्य योनि में आ जाती है, हर इंसान को गौ सेवा करनी चाहिये क्योंकि गौ सेवा करने से जीवन की सभी परेशानियों व कठिनाईयों से हमें मुक्ति मिलती है, यह कुछ ऐसे गुण हैं गौ माता के जो उन्हें पूजनीय बनाते हैं-​

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गौमाता के प्रमुख गुणः-​

1. गाय एक ऐसी जीव है जिसके चारों ओर सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न रहती है, जिस भी जगह गौ माता खड़ी होकर सुकून महसूस करती है वह जगह पवित्र हो जाती है और उस जगह से सभी वास्तु दोष दूर हो जाते हैं।​

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2. गाय का गोबर भी बहुत उपयोगी होता है गौ माता के गोबर से बनाये गये उपलों से रोजाना दुकान घर मन्दिर परिसर में धूप करने से वातावरण शुद्ध होता है।

3. अगर काली गाय की पूजा की जाये तो सभी नौ ग्रहों की पीड़ा शांत हो जाती है, जो व्यक्ति मन से श्रद्धापूर्वक गौ माता की सेवा करता है वह शत्रु दोष से मुक्त हो जाता है और उसपर आने वाली सभी विपदाएं गौ माता हर लेती हैं।

4. इस धरती पर गौ माता को साक्षात देवी माता माना जाता है, गौ माता के खुर्र में नागदेवता, मूत्र में गंगा जी व गोबर में लक्ष्मी जी का वास होता है, गौ माता की एक आँख में सूर्य और दूसरी आँख में चंद्र देव का वास होता है।

5. गौ माता को अन्नपूर्णा और कामधेनु माना जाता है, गाय का दूध अमृत के समान माना गया है इस दूध में सुवर्ण तत्व पाया जाता है यह तत्व रोगों से मुक्ति दिलाता है।

6. गौ माता की पीठ पर एक कुबड़ होता है, गाय के उस कुबड़ में सूर्य केतु नाड़ी होती है, अगर प्रतिदिन सुबह आधे घण्टे तक गौ माता के कुबड़ पर हाथ फेरा जाये तो रोगों का नाश हो जाता है।

7. मनुष्यों के गौत्र की स्थापना भी गौ माता से ही हुई है, चौदह रत्नों में से एक रत्न गौ माता है, केवल गाय को चारा खिलाने मात्र से ही 33 कोटी देवी देवताओं को भोग लगाने के बराबर का फल मिलता है।

8. जो व्यक्ति अपने तन मन और धन से गौ माता की सेवा करता है उसे स्वर्ग की प्राप्ति होती है, जो गौ माता को अपने घर में रखता है उसकी सेवा करता है उसे एक सुखी आध्यात्मिक जीवन मिलता है और उसकी अकाल मृत्यु नहीं होती।

9. गौ माता के गोबर दही मक्खन घी दूध व गौ मूत्र से बने पंचगव्य कई रोगों की दवा होती है, इनके सेवन से असाध्य रोग दूर हो जाते हैं और इनके बिना कभी भी हवन पूजा पाठ सफल नहीं होते।​

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10. गौ माता की पूँछ में श्री हनुमान जी का वास होता है, गौ माता की पूँछ से झाड़ा लगाने से किसी भी व्यक्ति की बुरी नज़र उतारी जा सकती है।

11. जिस किसी की भी भाग्य रेखा सोई हुई है उसे हथेली में गुड़ रखकर गौ माता को खिलाना चाहिये, अगर गौ माता आपकी हथेली पर रखे हुए गुड़ को चाट ले तो आपकी सोई हुई किस्मत जाग जायेगी।

12. गौ माता को इस जगत की जननी कहा गया है, गाय को पृथ्वी का रूप भी माना जाता है, गौ माता के चारों पैरों के बीच से निकल कर परिक्रमा करने से व्यक्ति भय मुक्त हो जाता है, गाय की सेवा आदर पूजा करने से सभी तीर्थों के बराबर पुण्य का लाभ मिलता है।

13. गौ माता एक मंदिर के समान है, यह मुमकिन नहीं कि हम रोज़ 33 कोटि देवी देवताओं के मंदिर जाकर दर्शन कर लें, बस गौ माता के दर्शन कर लीजिये समझिये आपने समस्त देवी देवताओं के दर्शन कर लिये।

14. आपका कोई भी कार्य जो बहुत समय से अटका हुआ हो और कई प्रयत्नों के बाद भी असफल हो रहा हो तो गौ माता के कान में अपनी समस्या कह दीजिये आपके सारे रूके हुए कार्य बन जायेंगे।

15. गाय की खीस (ब्याते ही दो तीन दिन जो दूध आता है) नेत्रों की ज्योति के लिये बहुत लाभकारी होती है, इसके इस्तेमाल से रतौंधी रोग मात्र दो दिन में दूर हो जाता है।

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