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दुर्लभ संयोग: क्यों है इस बार हरियाली अमावस्या इतनी ख़ास?

हरियाली अमावस्या मुहूर्त :-

हरियाली अमावस्या = 11 अगस्त 2018

अमावस्या तिथि प्रारम्भ = 19:07 (10 अगस्त 2018)

अमावस्या तिथि समाप्त = 15:27 (11 अगस्त 2018)

हरियाली अमावस्या को सावन अमावस्या भी कहा जाता है क्योकि यह सावन माह में आती है और हरियाली अमावस्या के ठीक तीन दिन बाद हरियाली तीज आती है, इसलिए यह बहुत पावन दिन माना जाता है। सावन में आने वाली अमावस्या अत्यंत महत्वपूर्ण होती है, इस समय में पितृ तथा पितरों से जुड़े हुए कर्मकांड करना शुभ होता है।

इस वर्ष यह अमावस्या और भी खास है क्योकि इस दिन शनिवार है। शनिवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या को शनैश्चरी अमावस भी कहा जाता है। सावन अमावस और शनिवार एक ही दिन होने का संयोग 14 वर्षों बाद हो रहा है, जिस वजह से यह अमावस और भी महत्वपूर्ण हो जाती है।

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हरियाली अमावस्या के दिन उपाय:-

जिन लोगों पर शनि की साढ़ेसाती और शनि की ढैय्या होती है वह इस दिन कुछ उपायों द्वारा शनि के प्रकोप को कम कर सकते हैं। इसके लिए शनि का बीज मन्त्र ''ऊं प्रां प्रौं स: शनैश्चराय नम:'' अथवा "ऊं शं शनैश्चराय नम:" का जाप कर सकते हैं। तथा इस दिन काली उड़द की दाल और सरसों अथवा तिल के तेल का दान सर्वोत्तम होता है।

शनि दोष से मुक्ति के लिए आप इस शनिवार की अमावस्या पर जूते-चप्पल आदि का दान भी दे सकते हैं। इन सब के अलावा इस दिन पीपल के वृक्ष की पूजा तथा शमी के वृक्ष की पूजा भी फलदायी है। हरियाली अमावस्या के दिन हनुमान जी की पूजा भी करनी चाहिए, जो भी व्यक्ति हनुमान जी की भक्ति करता है उसे शनिदेव कष्ट नहीं देते।

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इस दन काली गाय को रोटी खिलाने से दरिद्रता मिटती है। काली गाय को सिन्दूर का तिलक लगाकर उसकी सेवा करनी चाहिए।  हरियाली अमावस्या के दिन स्नान और दान पुण्य का बड़ा महत्व है, इसलिए जितना हो सके अपनी श्रद्धानुसार दान दें।

 

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