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महामृत्युंजय मंत्र - मृत्यु पर विजय दिलायेगा ये मंत्र !

ऋगवेद का ये मंत्र बहुत ही प्रभावशाली होता है इसमें असीम शक्ति होती है भगवान शिव को समर्पित ये महान श्लोक केवल उच्चारण मात्र से ही प्राप्त नहीं होता इसमें ज़रूरी है कि हमें इसका उच्चारण करते हुए इसके अर्थों का भी ज्ञान होना चाहिये यह एक चमत्कारी मंत्र है जो आपके जीवन में अनेकों समस्याओं का समाधान करता है।

महामृत्युंजय मंत्र:- 

ॐ त्र्यम्बक यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धन्म। उर्वारुकमिव बन्धनामृत्येर्मुक्षीय मामृतात् !!
 

संपुटयुक्त महा मृत्युंजय मंत्र:-

ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ !!
 

लघु मृत्युंजय मंत्र:-

ॐ जूं स माम् पालय पालय सः जूं ॐ। (किसी दुसरे के लिए जप करना हो तो) ॐ जूं स (उस व्यक्ति का नाम जिसके लिए अनुष्ठान हो रहा हो) पालय पालय सः जूं ॐ

महामृत्युंजय मंत्र के लाभः-

इस मंत्र का जाप केवल सोमवार से ही आरम्भ करना चाहिये क्योंकि ये मंत्र भगवान शिव का मंत्र है और सोमवार शिव जी का वार माना जाता है इस मंत्र का जाप सुबह 12 बजे से पहले आरम्भ कर देना चाहिये क्योंकि दोपहर बाद का समय शुभ नहीं माना जाता तथा यह मंत्र अपना प्रभाव खो देता है और कोई लाभ नहीं देता, आप यह जाप महामृत्युंजय यंत्र से शुरू कर सकते हैं या घर के पास के शिव मंदिर में जाकर शिवलिंग की पूजा आराधना करके इस मंत्र का उच्चारण करें क्योंकि मंदिर को एक सात्विक स्थान माना जाता है इसलिये किसी भी पूजा का लाभ मंदिर में करने से अधिक मिलता है, पूजा करने के बाद घर आकर शुद्ध घी का दीपक जलायें तथा माला का 11 बार जाप करें यह जाप कम से कम 10 दिनों तक प्रतिदिन करें, एक लाख बार मंत्र का जाप पूर्ण हो जाने के बाद घर में हवन करवायें तभी इसका विशेष लाभ आपको मिलेगा, जमीन जायदाद का विवाद, धन हानि, ग्रह कलेश, ग्रह बाधा हानि की संभावना, वर वधु में दोष, सजा का भय या सजा के बाद भी समस्याओं का बढ़ते जाना इन सब मुश्किलों का केवल एक ही अचूक इलाज है वो है महामृत्युंजय मंत्र या लघु मृत्युंजय मंत्र।

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महामृत्युंजय मंत्र का अर्थः-

तीन नेत्रों वाले भगवान इस संपूर्ण सृष्टि के पालनहार शिव शंकर महादेव की हम आराधना करते हैं विश्व जगत के रक्षक हे प्रभु हमें मुक्ति दें हमें इस जीवनकाल से मुक्ति प्रदान करें, भगवान शिव जो हर मानव श्वास में प्राण डालते हैं जीवन शक्ति का संचार करते हैं, अपनी शक्ति के बल पर मनुष्य का जीवन यापन कर रहे हैं उस अंर्तयामी प्रभु से हमारी प्रार्थना है कि हमें इस मनुष्य शरीर से मुक्ति दें हमें जीवन मरण के इस चक्र से मुक्त कर दें अर्थात हमें मोक्ष का मार्ग दिखायें हमें इस मनुष्य रूपी शरीर से मुक्त कर अपने चरणों का दास बनायें जिससे कि हम आप में होकर आप ही में समा जायें।

मंत्र के प्रभावः-

महामृत्युंजय मंत्र भय शोक हानि कष्ट आपदाओं से मुक्ति दिलाता है किसी बहुत ही बीमार व्यक्ति को जो कि जीवन मरण के बीच का कष्टदायी समय भोग रहा हो उसके लिये इस मंत्र का जाप करके प्रभु से अनुरोध करें कि हे प्रभु या इसे भला करदे या इसे मोक्ष दें क्योंकि वह पीड़ा ही हमारे जीवन की सबसे पड़ी परीक्षा है जिससे हमें उस व्यक्ति को बाहर निकालना होता है मगर यह बहुत आवश्यक है कि हम इस मंत्र का सही प्रकार से उच्चारण करें अगर इस मंत्र का गलत तरीके से भी उच्चारण किया गया हो तो भी घबरायें नहीं गायत्री मंत्र का जाप 21 बार करें ताकि होने वाले किसी भी अनिष्ट को टाला जा सके भगवान शिव पार्वती आपका उद्धार अवश्य करेंगें। 

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इस मंत्र से शिव जी को प्रसन्न करने वाले व्यक्ति से मृत्यु भी भयभीत हो जाती है यह मंत्र प्राण रक्षक और महामोक्ष मंत्र कहा जाता है जो व्यक्ति इस मंत्र की सिद्धि कर लेता है वह निश्चय ही मोक्ष को प्राप्त करता है भगवान शिव को कालों का काल महाकाल कहते हैं ऋषि मार्कंडेय द्वारा यह मंत्र प्रथम पाया गया था किसी व्यक्ति के निकट अगर मृत्यु आ जाये तो उसे भयभीत नहीं होना चाहिये क्योंकि अगर वह एक परम शिव भक्त है और इस मंत्र का जाप पवित्रता पूर्वक करे तो मौत भी उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकती इस मंत्र से जुड़ी कथाओं के अनुसार मृत्यु के समक्ष खड़े हुए मानव भी जीवंत आर्शिवाद पा गये बहुत बीमार व्यक्ति भी दीर्घ आयु तक जीवित रहे, गृह दोषियों को और बीमार व्यक्तियों को अवश्य ही महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिये, इस मंत्र का सही अर्थ है मृत्यु पर विजय पाना अर्थात् बार बार मृत्यु न होना मोक्ष की प्राप्ति करना यह मंत्र यजुर्वेद के रूद्र अध्याय स्थित मंत्र है इस मंत्र में शिव की स्तुति है भगवान शिव को मृत्यु से जीतने वाला माना जाता है इस मंत्र का सवा लाख बार जाप करने से आने वाली सभी बीमारियों तथा अनिष्टकारी दुष्प्रभावों का प्रभाव समाप्त होता है इस मंत्र से किसी की भी अटल मृत्यु तक को टाला जा सकता है इतना प्रभावित मंत्र है महामृत्युंजय, हमारे वैदिक शास्त्रों और पुराणों में भी इसका विशेष उल्लेख मिलता है इसके प्रभाव से मरणासन्न रोगी भी जीवित हो उठता है, एक शिव भक्त को मौत रोग शोक किसी भी विपत्ति का भय नहीं रह जाता है शिव तत्व हमें भक्ति और शक्ति का सामर्थ प्रदान करता है धर्म शास्त्रों में बताया गया है कि इस मंत्र का नित्यक्रम से जाप करने से धन सम्पत्ति समृद्धि दीर्घ आयु निरोग काया मिलती है।

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किसी की कुंडली में किसी भी प्रकार का मास गोचर अंर्तदशा या अन्य कोई भी परेशानी हो उसके लिये यह मंत्र बहुत लाभकारी होता है अगर आप किसी भी रोग या बीमारी से पीड़ित हैं तो इस मंत्र का जाप करना शुरू कर दें अवश्य ही लाभ होगा इस मंत्र में आरोग्य शक्तियाँ हैं जिससे धन हानि व्यापार में घाटा सभी प्रकार की परेशानियों से छुटकारा मिलता है इस मंत्र का जाप करने का सबसे उत्तम समय प्रातः 2 बजे से 4 बजे तक का है अगर यह समय नहीं कर पाते तो भी प्रातः काल स्नान करके इसका प्रारम्भ करें, स्नान के समय भी अगर इस मंत्र का जाप करते रहें तो स्वास्थ्य में लाभ होगा, एक लोटे में दूध लेकर उसे निहारते हुए अगर इस मंत्र का जाप करते रहें तो यौवन में वृद्वि होगी, अगर आप इसका जाप नहीं कर पा रहे हों तो किसी पंडित से इसका जाप करायें तो आपको विशेष लाभ प्राप्त होगा जब किसी की अकाल मृत्यु किसी घातक रोग या दुर्घटना से होती है तो इसका एक ही उपाय है महामृत्युंजय मंत्र, किसी की जन्मकुंडली में सूर्यादि ग्रहों द्वारा किसी प्रकार की अनिष्ट की आशंका अपने बंधुओं तथा इष्ट मित्रों पर किसी तरह का संकट आने वाला हो, किसी प्रकार का वियोग भोग रहे हों, कोई मिथ्या दोषारोपण लगा हो, धार्मिक कार्यों से मन विचलित होने पर महामृत्युंजय मंत्र का पाठ करें, माना जाता है कि बारह ज्योतिर्लिंगों के दर्शन मात्र से बारह राशियों संबंधित शुभ फलों की प्राप्ति होती है अतः महामृत्युंजय साधना से विपरीत कालखण्ड की गति नियंत्रित की जा सकती है।

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