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सावन महीने में कैसे करे महादेव को प्रसन्न !

06 जुलाई 2020 (सोमवार)

तिथि - 01, श्रावण, कृष्ण पक्ष, प्रतिपदा, विक्रम सम्वत

पौराणिक मान्यता :-

श्रावण महीने को देवों के देव महादेव शंकर जी का महीना माना जाता है ! इस संबंध में पौराणिक मान्यता है ! जब संत कुमारो ने महादेव शंकर से श्रावण का महीना प्रिये होने का कारण पूछा तो महादेव शंकर ने बताया की जब देवी सती ने अपने पिता दक्ष के घर में योगशक्ति से शरीर त्याग दिया था उससे पहले देवी सती ने महादेव शंकर जी को हर जन्म में अपना पति पाने के रूप में प्रण लिया था ! अपने दूसरे जन्म में देवी सती ने पार्वती के नाम से हिमालय और रानी मैना के घर में पुत्री के रूप में जन्म लिया था ! पार्वती ने युवावस्था के श्रावण महीने में निराहार रह कर कठोर व्रत किया और उन्हें शंकर जी को प्रसन्न कर विवाह किया, जिसके बाद ही ये महीना महादेव के लिए यह विशेष हो गया !

श्रावण माह के सोमवार :-

श्रावण माह के सोमवार को जो भी व्यक्ति विधि विधान के साथ  शंकर सी की पूजा करता है ! उसे शंकर जी का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है ! इस दिन व्रत करने से अकाल मृत्यु और दुर्घटना से मुक्ति मिलती है, मनचाहा जीवन साथी प्राप्त होता है , शरीर के बुरे रोग दूर होते है !

महादेव का अभिषेक क्यों करते है :-

पौराणिक कथा के अनुसार जब समुद्र मंथन के समय हलाहल विष निकलने के बाद जब महादेव इस विष का पान करते हैं तो वह मूर्च्छित हो जाते हैं ! उनकी दशा देखकर सभी देवी-देवता भयभीत हो गए और उन्हें होश में लाने के लिए निकट में जो चीजें उपलब्ध होती हैं ! उनसे ही महादेव को स्नान कराने लगते हैं ! इसके बाद से ही जल से लेकर तमाम उन चीजों से महादेव का अभिषेक किया जाता है !

व्रत के नियम :-

1. सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए और साफ़ सुत्रे वस्त्र पहन्ने चाहिए !

2. भगवान शिव का अभिषेक जल या गंगाजल से करना चाहिए परंतु विशेष अवसर व विशेष मनोकामनाओं के लिए दूध, दही, घी, शहद, सरसों तेल, काले तिल, आदि कई सामग्रियों से अभिषेक की विधि प्रचलित है !

3. "ॐ नम: शिवाय' मंत्र" का जाप करना चाहिए और श्वेत फूल, सफेद चंदन, चावल, पंचामृत, सुपारी, फल, गंगाजल और साफ पानी के द्वारा भगवान शिव और पार्वती जी की पूजा करनी चाहिए !

4. भगवान शिव के अभिषेक के दौरान पूजा विधि के साथ - साथ मंत्रो का भी जाप करना चाहिए चाहे वो महामृत्युंजय मंत्र का जाप हो, गायत्री मंत्र हो या फिर भगवान शिव का पंचाक्षरी मंत्र हो !

5. शिव और पार्वती की पूजा के बाद श्रावण के सोमवार की व्रत कथा करे !

6. आरती करने के बाद भगवन शिव पार्वती को भोग लगाए और घर - परिवार में वो ही भोग बाटे और खुद भी ग्रहण करे !

7. दिन में केवल एक समय बिना नमक वाला भोजन ग्रहण करें !

8. समस्त मनोकामनाओं को पूर्ण करने के लिए शिवलिंग पर प्रतिदिन गाय का ताजा कच्चा दूध अर्पित करें। पैकेट बंद दूध अर्पित न करें !

समीपत्र और बेलपत्र :-

भक्त भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए समीपत्र और बेलपत्र चढ़ाते हैं ! इस संबंध में एक पौराणिक कथा के अनुसार जब 89 हजार ऋषियों ने महादेव को प्रसन्न करने की विधि परम पिता ब्रह्मा से पूछी - तो ब्रह्मदेव ने बताया कि महादेव सौ कमल चढ़ाने से जितने प्रसन्न होते हैं, उतना ही एक नीलकमल चढ़ाने पर होते हैं ! ऐसे ही एक हजार नीलकमल के बराबर एक बेलपत्र और एक हजार बेलपत्र चढ़ाने के फल के बराबर एक समीपत्र का महत्व होता है !