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जानिए रक्षा बंधन क्यों खास होती है भाई बहन के लिए !

रक्षा बंधन :-

03 अगस्त 2020 (सोमवार)

रक्षा बन्धन अनुष्ठान का समय - प्रातः काल 09:28 से सांय काल 09:17 तक

रक्षा बन्धन के लिये अपराह्न का मुहूर्त दोपहर 01:48 से सांय काल 04:29 तक

 

रक्षा बंधन का महत्व :-

रक्षा बंधन का पर्व श्रवण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है ! वर्ष 2020 में यह 03 अगस्त के दिन मनाया जायेगा ! यह पर्व भाई - बहन  के लिए खास होता है ! भारत में भाई-बहन के बीच रक्षाबंधन के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व की वजह से ही यह दिन इतना महत्वपूर्ण बनता है ! बरसों से चला आ रहा यह त्यौहार आज भी बेहद आनंद और खुशियों के साथ मनाया जाता है ! यह एक ऎसा पर्व है, जो केवल भाई बहन के रिश्ते के साथ - साथ हर सामाजिक संबंध को मजबूत करता है ! इस लिये यह पर्व भाई-बहन को आपस में जोडने के साथ - साथ सांस्कृ्तिक और सामाजिक महत्व भी रखता है !

 

रक्षा बंधन पर्व मनाने की विधि :-

रक्षा बंधन वाले दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए  और भगवान की पूजा करनी चाहिए ! इसके बाद एक थाल को सजाए जिस में रोली, अक्षत, कुमकुम और एक दीप जलाकर थाल में रखे और थाल में सुंदर सुंदर राखी भी रखें जो आपको अपने भाई को बाँधनी है ! इसके बाद बहन अपने भाई के माथे पर कुमकुम और अक्षत से तिलक करती है और उसकी आरती करती है ! इसके बाद भाई के दाहिने हाथ पर रेशम की डोर से बनी राखी बांधती है ! राखी बांध ने के बाद बहन भाई का मुंह मीठा करवाती है और बदले में भाई बहन को आशीर्वाद और उसकी रक्षा का वचन देता है और उसे धन या उपहार देता है ! बहन भाई को राखी बांधते समय भाई की लम्बी आयु एवं सुख और तरक्की की कामना करती है ! रक्षा बंधन का पर्व विशेष रूप से भावनाओं और संवेदनाओं का पर्व होता है ! राखी का अर्थ है ! जो ये श्रद्धा और विश्वास का धागा बांधता है ! वह राखी बांधने वाले व्यक्ति के दायित्वों को स्वीकार करता है और भाई बहन के रिश्ते को पूरी निष्ठा से निभाने का वचन देता है !

 

क्या दें बहन को उपहार :-

भाई को अपनी बहन को उपहार भी सोच समझ कर देना चाहिए, इसमें आप उसे स्वर्ण अथवा चांदी से बने गहने, कोई मिष्ठान, वस्त्र आदि जैसी चीज़े दे सकते हैं। आप बहनों को सेहत का उपहार भी दे सकते हैं, इसके लिए सूखे मेवे अच्छा विकल्प है। बहनों को आध्यात्मिक शक्ति देने के लिए गणपति या कृष्ण की मूर्ति भी भेंट में दे सकते हैं, और अच्छे वास्तु के लिए लाफिंग बुद्धा भी अच्छा विकल्प है। आप प्रकृति का तोहफा भी उन्हें दे सकते हैं, इसके लिए कोई फूल का अथवा सजावट का पौधा उन्हें दें। और उनकी पसंदीदा पुस्तक भी आप उपहार में दे सकते हैं। और आज के समय में आप उनका भविष्य सुरक्षित करने के लिए निवेश योजना का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। यदि कोई उपहार समझ में न आये तो आप उन्हें लिफाफे में शगुन के तौर पर कुछ पैसे भी दे सकते हैं, जो भविष्य में उनके काम आयंगे।

महाभारत में भी रक्षाबंधन :-

रक्षाबंधन की कथा महाभारत से भी जुडी है ! जब युधिष्ठिर ने भगवान कृष्ण से पूछा कि मैं सभी संकटों को कैसे पार कर सकता हूँ, तब भगवान कृष्ण ने उनकी और उनकी सेना की रक्षा के लिए राखी का त्योहार मनाने की सलाह दी थी ! कृष्ण और द्रौपदी से संबंधित प्रसंग में कहा गया है कि जब श्रीकृष्ण ने सुदर्शन चक्र से शिशुपाल का वध किया था ! तब उनके हाथ में चोट लग गई थी ! तब द्रौपदी ने उस समय अपनी साड़ी फाड़कर उनकी उंगली पर पट्टी बांध दी थी ! यह श्रावण मास की पूर्णिमा का दिन था ! कृष्ण ने इस उपकार का बदला बाद में चीरहरण के समय द्रौपदी की साड़ी को बढ़ाकर चुकाया था !

 

राखी से जुड़े ऐतिहासिक प्रसंग :-

इस त्योहार से कई ऐतिहासिक प्रसंग जुड़े हैं ! राजपूत जब लड़ाई पर जाते थे तब महिलाएं उनको माथे पर कुमकुम लगाने के साथ-साथ हाथ में रेशमी धागा बांधती थीं ! यह विश्वास था कि यह धागा उन्हें विजय के बाद वापस ले आएगा ! इसलिए भी बहन अपने भाई की लम्बी आयु के लिए राखी बांधती है !