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जानिए मेहंदीपुर बालाजी की रहस्मय कहानी !

मेहंदीपुर बालाजी बहुत प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिर है जो की राजस्थान के दौसा जिले मै स्थित है मेहन्दीपुर मैं एक ऐसी रूहानी अदालत लगती है जहां शैतानी रूहो की किस्मत का फैसला देवताओ द्वारा किया जाता है और इंसानों पर हावी इन शैतानी ताकतों को सजा देकर शरीर से बहार निकाला जाता है ! इस समूचे भ्रमांड के कण कण में ऊर्जा यानि एनर्जी व्याप्त है और हर चीज़ की तरह इस ऊर्जा के भी दो पहलु होते है (सकारात्मक और नकारात्मक) सकारात्मक यानी पॉजिटिव कण कण में ऊर्जा यानि एनर्जी व्याप्त है और हर चीज़ की तरह इस ऊर्जा के भी दो पहलु होते है (सकारात्मक और नकारात्मक) सकारात्मक यानी पॉजिटिव एनर्जी सृष्टि में सहायक होती है और नकारात्मक ऊर्जाओं यानि नेगिटिव एनर्जी को चाहे बुरी आत्मा कहो या शैतानी रूह यह हर जगह फैली होती है और इन पर नियंत्रण पाना इंसानी शक्ति के बस मे नही होता इसीलिए दैविक शक्ति यानि ऐसी सकारात्मक ऊर्जाएं जो बहुत विस्तृत चुकी है वह इन बुरी ताकतों को वश मे करती है !

यह चमत्कारी बालाजी धाम राजस्थान मे जयपुर बांदीकुई बस मार्ग पर जयपुर से 109 किलोमीटर और बांदीकुई रेलवे स्टेशन से 36 किलोमीटर दूर मेहन्दीपुर मे स्थित है ! भूत प्रेत के अस्तित्व पर आजका शयद ही कोई व्यक्ति विश्वास करता हो ! लेकिन विज्ञान के तथ्यों के विपरीत मेहंदीपुर बालाजी धाम अनास्था की और बढ़ते इस युग मे एक आस्चर्य पूर्ण चमत्कार जैसा लगता है ! एक मंदिर जहाँ हर दिन बुद्धिजीवी आते है और अपने साथ दिव्ये चमत्कारी अनुभव ले जाते है एक मंदिर जहाँ हार मान चुका आधुनिक विज्ञानं धरा शाही होकर नित्ये नए चमत्कारो से लोगो को पीड़ा मुक्त होते हुए देखता है !

दो पहाड़ियों के बीच की घाटी में स्थित होने के कारण इसे घाटा मेहंदीपुर भी कहते है ! हर सप्ताह मंगलवार और शनिवार को यहाँ मेले भरते है जिसमे दर्शनार्थियों की अपार भीड़ उमड़ती है ! जनसुति के अनुसार यह देव स्थान लगभग एक हज़ार वर्ष पुराना है बहुत पहले वहा कोई मंदिर नहीं था एक बार मंदिर के किसी महंताओ के किसी पूर्वज को बालाजी ने सपने में दर्शन देकर वह मंदिर स्थापित कर उपासना करने का आदेश दिया बालाजी के आदेश से उन्होंने इस स्थान पर बालाजी की प्रतिमा स्थापित की जिसके बारे मे मान्यता है की यह प्रतिमा चाटन पर स्वयं उभरी थी बाद में ग्रामीणों ने यह मन्दिर का निर्माण करवा दिया बालाजी ने यह कुछ चमत्कार दिखाये तो इस स्थान की लोकप्रियता बढ़ती गई और आज इस मंदिर की प्रसिद्धि विश्वभर मे हो चुकी है देश के कोने कोने से श्रद्धालु और बुरी शक्तियों के वशीभूत इन्सान बालाजी की इस अदालत में माथा टेकने आते है और सहकुशल होकर प्रसन्ता के साथ लौटते है !

यहाँ मिलता है भूत प्रेतों से छुटकारा :-

यह के प्रमुख देवता बालाजी तो है ही साथ ही प्रेतराज और भैरव नाथ भी उतने ही महत्वपूर्ण है ! भैरवजी इस दरबार के कोतवाल के रूप में जाने जाते है उनका कार्य भूत प्रेतों को बंदी बनाना है ! तीसरे देव है प्रेतराज सरकार यह बालाजी की सेना के प्रधान माने जाते है इनका मंदिर पीछे की और पहाड़ी की गोद मे है प्रमुख रूप से अपराधी भूत प्रेतों के दण्ड की व्यवस्था यहीं पर की जाती है ! सुनवाई बालाजी के समक्ष होती है तथा प्रेतराज मुक़दमे का फ़ैसला करके शैतानी रूह को दंड देते है इन बुरी आत्माओं को सजा देने की प्रक्रिया पुलिस की थर्ड डिग्री की तरह होती है यह मंज़र इतना डरावना होता है जिसे अगर आप अपनी आँखों से देखेंगे तो आपके भीतर की रूह तक कांप जाएगी और इसकी शुरुआत होती है बालाजी के दो लडूओं से जिनका सेवन करते ही पीड़ित व्यक्ति आजीब और गरीब हरकतें करने लगता है और उसके बाद काम शुरू होता है प्रेत राज सरकार का जो इन बुरी शक्तियों को थर्ड डिग्री की तरह यातना देकर इन्हें वश मे करते है भले ही विज्ञानं इन पर विश्वास करे लेकिन यह उसके भी समझ से परे है आखिर पीड़ित व्यक्ति बालाजी का प्रसाद ग्रहण करते ही ऐसा व्यवहार क्यों करने लगता है और अगर यह केवल बीमारी है तो मरीज पूरी प्रक्रिया सम्पन होने के बाद इस प्रकार ठीक होक कैसे लौट सकते है जो लम्बी दवाइयो के बाद भी ठीक नही हो पाते ! मेहंदीपुर के बालाजी के बारे में कितना सत्ये है और कितनी मिथ्या यह शोध का विषय हो सकता है लेकिन इस बात मे कोई विवाद नही है यह से हर साल हज़्ज़ारो की संख्या में लोग पीड़ा से मुक्त होकर संतोष के साथ प्रसन्ता होकर आपने घर लौटते है !