पौराणिक कथाओं के अनुसार लक्ष्मी जी को धन की देवी होने का अभिमान हो जाता है
भगवान विष्णु इस अभिमान को खत्म करना चाहते थे
इसलिए उन्होंने लक्ष्मी जी से कहा एक स्त्री तब तक पूर्ण नहीं होती है जब तक वह मां ना बन जाए
लक्ष्मी जी का कोई पुत्र नहीं था इसलिए यह सुनकर लक्ष्मी जी बहुत निराश हो गई
तब लक्ष्मी जी देवी पार्वती के पास पहुंची, माँ पार्वती के दो पुत्र थे इसलिए लक्ष्मी जी ने माँ पार्वती का एक पुत्र को गोद लेने की बात कही
लक्ष्मी जी का दर्द को समझते हुए उन्होंने अपने पुत्र गणेश को उन्हें सौंप दिया
इससे लक्ष्मी माता बहुत प्रसन्न हुई और माता लक्ष्मी ने कहा कि सुख समृद्धि के लिए भक्तों को पहले गणेश की पूजा करनी पड़ेगी तभी मेरी पूजा संपन्न होगी
यही कारण है कि दिवाली के दिन माता लक्ष्मी के साथ भगवान गणेश की पूजा की जाती है....