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जानिए शनिदेव के सबसे अधिक प्रसिद्द और प्रभावशाली मंदिर!

पूरे भारतवर्ष में अनेकों शनि मंदिर हैं, छोटे बड़े हर शहर में शनि देव पूजे जाते हैं। लेकिन कुछ शनि मंदिर कुछ ख़ास विशेषताओं के कारण अत्यंत प्रसिद्द हैं, यदि आप इन जगहों पर जाएँ तो शनिदेव के दर्शन करना न भूलें। तो आइये जानते हैं​ कौन से हैं ये मंदिर-

1. शनि मंदिर, कोसीकलां

उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में सूर्यपुत्र शनिदेव का यह मंदिर है, जो की बरसाना और नंदगांव के ही निकट है। यह दिल्ली से लगभग 128 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, कहा जाता है की यहां पर परिक्रमा करने से मनुष्य के सारे बंधन मुक्त हो जाते हैं और उनकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। यहां भगवान कृष्ण ने शनिदेव को दर्शन दिए थे।

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2. शनि मंदिर, उज्जैन

मध्य प्रदेश की धार्मिक राजधानी उज्जैन में सांवेर रोड पर शनि मंदिर स्थित है। इस शनि मंदिर की खास विशेषता यह है की यहां न केवल शनिदेव हैं, बल्कि उनके साथ अन्य नवग्रह भी हैं। इसे नवग्रह मंदिर भी कहा जाता है, यहां लोग अपने गृह दोषों को दूर करने के लिए आते हैं तथा शनि के प्रकोप से राहत पाने के लिए भी लोगों की लम्बी कतारें रहती हैं।

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3. शनि शिंगणापुर

शनि शिंगणापुर शनिदेव का सबसे प्रसिद्द मंदिर है, यह महाराष्ट्र के शिंगणापुर गांव में स्थित है। इस मंदिर की विशेषता यह है की यहां शनिदेव की प्रतिमा खुले आसमान के नीचे रहती है न की किसी बंद मंदिर में। कहा जाता है, इस जगह पर किसी भी तरह की चोरी नहीं होती इसलिए लोग घरों में ताला नहीं लगाते। इस जगह की रक्षा स्वयं शनिदेव करते हैं, कहा जाता है यदि कोई चोरी कर भी ले तो वह गाँव से बाहर नहीं निकल पाता।

4. शनि मंदिर, इंदौर

लगभग हर मंदिर में शनिदेव की मूर्ति का अधिक श्रृंगार नहीं होता, किन्तु मध्यप्रदेश के इंदौर के जूनी इलाके में बना यह शनि मंदिर सबसे भिन्न है। यहां भगवान शनि का पूर्ण श्रृंगार किया जाता है, अर्थात यहां भगवान शनि सबको सोलह श्रृंगार में दर्शन देते हैं। यह मंदिर अपनी प्राचीनता और चमत्कारी किस्सों के लिए भी चर्चा में रहता है।

5. शनिश्चरा मंदिर, ग्वालियर

मध्य प्रदेश के ही ग्वालियर में एक और प्रसिद्द शनि मंदिर है जिसे शनिश्चरा मंदिर कहा जाता है। मान्यता है की यह शनि का पिंड हनुमान जी ने लंका से यहां पर फेंका था और तब से यह पिंड यहीं स्थापित है। यह मंदिर शनि के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है, यहाँ की विशेषता यह है की यहाँ शनिदेव को तेल चढाने के बाद उनसे गले मिला जाता है। यह प्रथा सदियों से चली आ रही है, शनिदेव के गले मिलकर लोग उनसे अपना दुःख बाँटते हैं।

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6.कष्टभंजन हनुमान मंदिर, सारंगपुर

गुजरात के भावनगर में भगवान हनुमान का एक बहुत प्रसिद्द मंदिर है, यह सारंगपुर नामक स्थान पर स्थित है। यह कष्टभंजन हनुमान नाम से प्रसिद्द है, इस मंदिर में हनुमान जी के साथ साथ शनिदेव भी विराजमान हैं। यहां पर शनिदेव स्त्री रूप में हनुमान जी के चरणों में बैठे हुए हैं। यहां आने वाले भक्तो पर हनुमान जी और शनिदेव दोनों की ही कृपा होती है। यहां लोगों को ऊपरी बाधा से ही मुक्ति दिलाई जाती है।

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