षष्ठी देवी: देवी कात्यायनी
माता कात्यायनी का उपासना मंत्र
माता का स्वरूप
माता कात्यायनी का स्वरूप अत्यंत दिव्य ओर स्वर्ण के समान चमकीला है| ये अपनी प्रिय सवारी सिंह पर विराजमान रहती है | इनकी चार भुजाए भक्तो को वरदान देती है, इनका एक हाथ अभय मुद्रा मे है तो दूसरा हाथ वर मुद्रा मे है अन्य हाथो मे तलवार तथा कमल का फूल है |
आराधना महत्व
माता कात्यायनी की भक्ति साधक को बड़ी सरलता से अर्थ, धर्म, काम, मोक्ष चारो फल प्रदान करती है | व्यक्ति इस लोक मे रहकर भी आलोकिक तेज ओर प्रभाव से युक्त हो जाता है | ऐसे साधक शोक, संताप, डर से मुक्त होता है तथा सर्वथा के लिए उसके दुखो का अंत होता है? | कार्यो मे आ ही समस्याए दूर होती है | आय के साधानो मे वृद्धि होती है ओर बेरोज़गारो को रोज़गार मिलता है |