Menu
Home
Guru
God
Video
Aarti
Bhajan
Mantra
Katha
Singer
Article
Yatra
Wallpaper
Desktop Wallpapers
Mobile Wallpapers
Get Socialize
Home
Guru
God
Video
Aarti
Bhajan
Mantra
Katha
Singer
Article
Wallpaper
Desktop Wallpapers
Mobile Wallpapers
आज का पर्व
गुरुवार व्रत कथा
गुरुवार व्रत कथा
बृहस्पतिवार के दिन विष्णु जी की पूजा होती है। यह व्रत करने से बृहस्पति देवता प्रसन्न होते हैं। स्त्रियों के लिए यह व्रत फलदायी माना गया है। अग्निपुराण के अनुसार अनुराधा नक्षत्र युक्त गुरुवार से आरंभ करके सात गुरुवार व्रत करने से बृहस्पति ग्रह की पीड़ा से मुक्ति मिलती है। बृहस्पति देव जी की आरती पढ़ने के लिए क्लिक करें: श्री बृहस्पति देव की आरती
बृहस्पतिवार व्रत कथा: प्राचीन समय की बात है। एक नगर में एक बड़ा व्यापारी रहता था। वह जहाजों में माल लदवाकर दूसरे देशों में भेजा करता था। वह जिस प्रकार अधिक धन कमाता था उसी प्रकार जी खोलकर दान भी करता था, परंतु उसकी पत्नी अत्यंत कंजूस थी। वह किसी को एक दमड़ी भी नहीं देने देती थी।
एक बार सेठ जब दूसरे देश व्यापार करने गया तो पीछे से बृहस्पतिदेव ने साधु-वेश में उसकी पत्नी से भिक्षा मांगी। व्यापारी की पत्नी बृहस्पतिदेव से बोली हे साधु महाराज, मैं इस दान और पुण्य से तंग आ गई हूं। आप कोई ऐसा उपाय बताएं, जिससे मेरा सारा धन नष्ट हो जाए और मैं आराम से रह सकूं। मैं यह धन लुटता हुआ नहीं देख सकती।
बृहस्पतिदेव ने कहा, हे देवी, तुम बड़ी विचित्र हो, संतान और धन से कोई दुखी होता है। अगर अधिक धन है तो इसे शुभ कार्यों में लगाओ, कुंवारी कन्याओं का विवाह कराओ, विद्यालय और बाग-बगीचों का निर्माण कराओ। ऐसे पुण्य कार्य करने से तुम्हारा लोक-परलोक सार्थक हो सकता है, परन्तु साधु की इन बातों से व्यापारी की पत्नी को ख़ुशी नहीं हुई। उसने कहा- मुझे ऐसे धन की आवश्यकता नहीं है, जिसे मैं दान दूं।
तब बृहस्पतिदेव बोले "यदि तुम्हारी ऐसी इच्छा है तो तुम एक उपाय करना। सात बृहस्पतिवार घर को गोबर से लीपना, अपने केशों को पीली मिटटी से धोना, केशों को धोते समय स्नान करना, व्यापारी से हजामत बनाने को कहना, भोजन में मांस-मदिरा खाना, कपड़े अपने घर धोना। ऐसा करने से तुम्हारा सारा धन नष्ट हो जाएगा। इतना कहकर बृहस्पतिदेव अंतर्ध्यान हो गए।
व्यापारी की पत्नी ने बृहस्पति देव के कहे अनुसार सात बृहस्पतिवार वैसा ही करने का निश्चय किया। केवल तीन बृहस्पतिवार बीते थे कि उसी समस्त धन-संपत्ति नष्ट हो गई और वह परलोक सिधार गई। जब व्यापारी वापस आया तो उसने देखा कि उसका सब कुछ नष्ट हो चुका है। उस व्यापारी ने अपनी पुत्री को सांत्वना दी और दूसरे नगर में जाकर बस गया। वहां वह जंगल से लकड़ी काटकर लाता और शहर में बेचता। इस तरह वह अपना जीवन व्यतीत करने लगा।
एक दिन उसकी पुत्री ने दही खाने की इच्छा प्रकट की लेकिन व्यापारी के पास दही खरीदने के पैसे नहीं थे। वह अपनी पुत्री को आश्वासन देकर जंगल में लकड़ी काटने चला गया। वहां एक वृक्ष के नीचे बैठ अपनी पूर्व दशा पर विचार कर रोने लगा। उस दिन बृहस्पतिवार था। तभी वहां बृहस्पतिदेव साधु के रूप में सेठ के पास आए और बोले "हे मनुष्य, तू इस जंगल में किस चिंता में बैठा है?"
तब व्यापारी बोला "हे महाराज, आप सब कुछ जानते हैं।" इतना कहकर व्यापारी अपनी कहानी सुनाकर रो पड़ा। बृहस्पतिदेव बोले "देखो बेटा, तुम्हारी पत्नी ने बृहस्पति देव का अपमान किया था इसी कारण तुम्हारा यह हाल हुआ है लेकिन अब तुम किसी प्रकार की चिंता मत करो। तुम गुरुवार के दिन बृहस्पतिदेव का पाठ करो। दो पैसे के चने और गुड़ को लेकर जल के लोटे में शक्कर डालकर वह अमृत और प्रसाद अपने परिवार के सदस्यों और कथा सुनने वालों में बांट दो। स्वयं भी प्रसाद और चरणामृत लो। भगवान तुम्हारा अवश्य कल्याण करेंगे।"
साधु की बात सुनकर व्यापारी बोला "महाराज। मुझे तो इतना भी नहीं बचता कि मैं अपनी पुत्री को दही लाकर दे सकूं।" इस पर साधु जी बोले "तुम लकड़ियां शहर में बेचने जाना, तुम्हें लकड़ियों के दाम पहले से चौगुने मिलेंगे, जिससे तुम्हारे सारे कार्य सिद्ध हो जाएंगे।"
लकड़हारे ने लकड़ियां काटीं और शहर में बेचने के लिए चल पड़ा। उसकी लकड़ियां अच्छे दाम में बिक गई जिससे उसने अपनी पुत्री के लिए दही लिया और गुरुवार की कथा हेतु चना, गुड़ लेकर कथा की और प्रसाद बांटकर स्वयं भी खाया। उसी दिन से उसकी सभी कठिनाइयां दूर होने लगीं, परंतु अगले बृहस्पतिवार को वह कथा करना भूल गया।
अगले दिन वहां के राजा ने एक बड़े यज्ञ का आयोजन कर पूरे नगर के लोगों के लिए भोज का आयोजन किया। राजा की आज्ञा अनुसार पूरा नगर राजा के महल में भोज करने गया। लेकिन व्यापारी व उसकी पुत्री तनिक विलंब से पहुंचे, अत: उन दोनों को राजा ने महल में ले जाकर भोजन कराया। जब वे दोनों लौटकर आए तब रानी ने देखा कि उसका खूंटी पर टंगा हार गायब है। रानी को व्यापारी और उसकी पुत्री पर संदेह हुआ कि उसका हार उन दोनों ने ही चुराया है। राजा की आज्ञा से उन दोनों को कारावास की कोठरी में कैद कर दिया गया। कैद में पड़कर दोनों अत्यंत दुखी हुए। वहां उन्होंने बृहस्पति देवता का स्मरण किया। बृहस्पति देव ने प्रकट होकर व्यापारी को उसकी भूल का आभास कराया और उन्हें सलाह दी कि गुरुवार के दिन कैदखाने के दरवाजे पर तुम्हें दो पैसे मिलेंगे उनसे तुम चने और मुनक्का मंगवाकर विधिपूर्वक बृहस्पति देवता का पूजन करना। तुम्हारे सब दुख दूर हो जाएंगे।
बृहस्पतिवार को कैदखाने के द्वार पर उन्हें दो पैसे मिले। बाहर सड़क पर एक स्त्री जा रही थी। व्यापारी ने उसे बुलाकार गुड़ और चने लाने को कहा। इसपर वह स्त्री बोली "मैं अपनी बहू के लिए गहने लेने जा रही हूं, मेरे पास समय नहीं है।" इतना कहकर वह चली गई। थोड़ी देर बाद वहां से एक और स्त्री निकली, व्यापारी ने उसे बुलाकर कहा कि हे बहन मुझे बृहस्पतिवार की कथा करनी है। तुम मुझे दो पैसे का गुड़-चना ला दो।
बृहस्पतिदेव का नाम सुनकर वह स्त्री बोली "भाई, मैं तुम्हें अभी गुड़-चना लाकर देती हूं। मेरा इकलौता पुत्र मर गया है, मैं उसके लिए कफन लेने जा रही थी लेकिन मैं पहले तुम्हारा काम करूंगी, उसके बाद अपने पुत्र के लिए कफन लाऊंगी।"
वह स्त्री बाजार से व्यापारी के लिए गुड़-चना ले आई और स्वयं भी बृहस्पतिदेव की कथा सुनी। कथा के समाप्त होने पर वह स्त्री कफन लेकर अपने घर गई। घर पर लोग उसके पुत्र की लाश को "राम नाम सत्य है" कहते हुए श्मशान ले जाने की तैयारी कर रहे थे। स्त्री बोली "मुझे अपने लड़के का मुख देख लेने दो।" अपने पुत्र का मुख देखकर उस स्त्री ने उसके मुंह में प्रसाद और चरणामृत डाला। प्रसाद और चरणामृत के प्रभाव से वह पुन: जीवित हो गया।
पहली स्त्री जिसने बृहस्पतिदेव का निरादर किया था, वह जब अपने पुत्र के विवाह हेतु पुत्रवधू के लिए गहने लेकर लौटी और जैसे ही उसका पुत्र घोड़ी पर बैठकर निकला वैसे ही घोड़ी ने ऐसी उछाल मारी कि वह घोड़ी से गिरकर मर गया। यह देख स्त्री रो-रोकर बृहस्पति देव से क्षमा याचना करने लगी।
उस स्त्री की याचना से बृहस्पतिदेव साधु वेश में वहां पहुंचकर कहने लगे "देवी। तुम्हें अधिक विलाप करने की आवश्यकता नहीं है। यह बृहस्पतिदेव का अनादार करने के कारण हुआ है। तुम वापस जाकर मेरे भक्त से क्षमा मांगकर कथा सुनो, तब ही तुम्हारी मनोकामना पूर्ण होगी।"
जेल में जाकर उस स्त्री ने व्यापारी से माफी मांगी और कथा सुनी। कथा के उपरांत वह प्रसाद और चरणामृत लेकर अपने घर वापस गई। घर आकर उसने चरणामृत अपने मृत पुत्र के मुख में डाला| चरणामृत के प्रभाव से उसका पुत्र भी जीवित हो उठा। उसी रात बृहस्पतिदेव राजा के सपने में आए और बोले "हे राजन। तूने जिस व्यापारी और उसके पुत्री को जेल में कैद कर रखा है वह बिलकुल निर्दोष हैं। तुम्हारी रानी का हार वहीं खूंटी पर टंगा है।"
दिन निकला तो राजा रानी ने हार खूंटी पर लटका हुआ देखा। राजा ने उस व्यापारी और उसकी पुत्री को रिहा कर दिया और उन्हें आधा राज्य देकर उसकी पुत्री का विवाह उच्च कुल में करवाकर दहेज़ में हीरे-जवाहरात दिए।
Related Text
View Wallpaper [ श्री हनुमान चालीसा]
श्री हनुमान चालीसा...
View Wallpaper [ श्री शिव चालीसा]
श्री शिव चालीसा...
View Wallpaper [ श्री सरस्वती चालीसा]
श्री सरस्वती चालीसा...
View Wallpaper [ श्री दुर्गा चालीसा ]
श्री दुर्गा चालीसा ...
View Wallpaper [ विष्णु जी की चालीसा]
विष्णु जी की चालीसा...
View Wallpaper [ पार्वती जी की चालीसा]
पार्वती जी की चालीसा...
View Wallpaper [ सूर्य चालीसा ]
सूर्य चालीसा ...
View Wallpaper [ श्री कृष्ण चालीसा]
श्री कृष्ण चालीसा...
View Wallpaper [ श्री लक्ष्मी चालीसा]
श्री लक्ष्मी चालीसा...
View Wallpaper [ श्री गणेश चालीसा]
श्री गणेश चालीसा...
View Wallpaper [ श्री साँई चालीसा ]
श्री साँई चालीसा ...
View Wallpaper [ श्री राधा चालीसा]
श्री राधा चालीसा...
View Wallpaper [ संतोषी माता की चालीसा]
संतोषी माता की चालीसा...
View Wallpaper [ श्री राम चालीसा]
श्री राम चालीसा...
View Wallpaper [ चामुण्डा देवी की चालीसा ]
चामुण्डा देवी की चालीसा ...
View Wallpaper [ श्री शनि चालीसा ]
श्री शनि चालीसा ...
View Wallpaper [ शिव मंत्र]
शिव मंत्र...
View Wallpaper [ गणेश मंत्र]
गणेश मंत्र...
View Wallpaper [ गायत्री मंत्र]
गायत्री मंत्र...
View Wallpaper [ लक्ष्मी मंत्र]
लक्ष्मी मंत्र...
View Wallpaper [ लक्ष्मीगणेश मंत्र]
लक्ष्मीगणेश मंत्र...
View Wallpaper [ कृष्ण मंत्र]
कृष्ण मंत्र...
View Wallpaper [ शनि मंत्र]
शनि मंत्र...
View Wallpaper [ हनुमान मंत्र]
हनुमान मंत्र...
View Wallpaper [ श्री विष्णु मूल मंत्र]
श्री विष्णु मूल मंत्र...
View Wallpaper [ कमला माता मंत्र]
कमला माता मंत्र...
View Wallpaper [ कुबेर मंत्र]
कुबेर मंत्र...
View Wallpaper [ काली मंत्र]
काली मंत्र...
View Wallpaper [ दीवाली पूजा मंत्र]
दीवाली पूजा मंत्र...
View Wallpaper [ मीनाक्षी गायत्री मंत्र ]
मीनाक्षी गायत्री मंत्र ...
View Wallpaper [ सूर्यदेव के मंत्र ]
सूर्यदेव के मंत्र ...
View Wallpaper [ शांति पाठ मंत्र]
शांति पाठ मंत्र...
View Wallpaper [ दीपावली]
दीपावली...
View Wallpaper [ होली]
होली...
View Wallpaper [ रक्षाबन्धन]
रक्षाबन्धन...
View Wallpaper [ धनतेरस]
धनतेरस...
View Wallpaper [ जन्माष्टमी]
जन्माष्टमी...
View Wallpaper [ दशहरा]
दशहरा...
View Wallpaper [ गुड़ी पड़वा]
गुड़ी पड़वा...
View Wallpaper [ छठ पूजा]
छठ पूजा...
View Wallpaper [ वसन्त पञ्चमी]
वसन्त पञ्चमी...
View Wallpaper [ मकर संक्रान्ति]
मकर संक्रान्ति...
View Wallpaper [ नवरात्रि]
नवरात्रि...
View Wallpaper [ राम नवमी]
राम नवमी...
View Wallpaper [ महाशिवरात्रि]
महाशिवरात्रि...
View Wallpaper [ राधाष्टमी]
राधाष्टमी...
View Wallpaper [ यम द्वितीया भाई दूज]
यम द्वितीया भाई दूज...
View Wallpaper [ बैसाखी]
बैसाखी...
View Wallpaper [ घर में रखें 5 चीजें होगी धन की वर्षा ]
घर में रखें 5 चीजें होगी धन की वर्षा ...
View Wallpaper [ जीवन में लाये खुशियां]
जीवन में लाये खुशियां...
View Wallpaper [ बिना पैसे खर्च किए दूर होगी हर समस्या ]
बिना पैसे खर्च किए दूर होगी हर समस्या ...
View Wallpaper [ लाल किताब के 5 टोटके और उपाय ]
लाल किताब के 5 टोटके और उपाय ...
View Wallpaper [ मनोकामना पूर्ति के अचूक टोटके]
मनोकामना पूर्ति के अचूक टोटके...
View Wallpaper [ ससुराल में सुखी रहने के लिए ]
ससुराल में सुखी रहने के लिए ...
View Wallpaper [ सोई हुई किस्मत को जगाने के उपाय]
सोई हुई किस्मत को जगाने के उपाय...
View Wallpaper [ फंसा हुआ धन निकालने के उपाय।]
फंसा हुआ धन निकालने के उपाय।...
View Wallpaper [ सुखी वैवाहिक जीवन के लिये उपाय ]
सुखी वैवाहिक जीवन के लिये उपाय ...
View Wallpaper [ बनाएं खुद का घर]
बनाएं खुद का घर...
View Wallpaper [ भूत -बाधा होने पर ]
भूत -बाधा होने पर ...
View Wallpaper [ बुरे सपने पर करे ये काम ]
बुरे सपने पर करे ये काम ...
View Wallpaper [ चावल के चमत्कारी गुण]
चावल के चमत्कारी गुण...
View Wallpaper [ छिपकली से जुड़े शगुनअपशगुन ]
छिपकली से जुड़े शगुनअपशगुन ...
View Wallpaper [ छोटे नींबु के बड़े गुण]
छोटे नींबु के बड़े गुण...
View Wallpaper [ शुक्र ग्रह शांति उपाय ]
शुक्र ग्रह शांति उपाय ...
View Wallpaper [ श्रीरामचरितमानस बालकाण्ड मंगलाचरण]
श्रीरामचरितमानस बालकाण्ड मंगलाचरण...
View Wallpaper [ श्रीरामचरितमानस बालकाण्ड गुरु वंदना]
श्रीरामचरितमानस बालकाण्ड गुरु वंदना...
View Wallpaper [ श्रीरामचरितमानस बालकाण्ड ब्राह्मणसंत वंदना]
श्रीरामचरितमानस बालकाण्ड ब्राह्मणसंत वंदना...
View Wallpaper [ श्रीरामचरितमानस बालकाण्ड खल वंदना]
श्रीरामचरितमानस बालकाण्ड खल वंदना...
View Wallpaper [ श्रीरामचरितमानस बालकाण्ड संतअसंत वंदना]
श्रीरामचरितमानस बालकाण्ड संतअसंत वंदना...
View Wallpaper [ श्रीरामचरितमानस बालकाण्ड रामरूप से जीवमात्र की वंदना]
श्रीरामचरितमानस बालकाण्ड रामरूप से जीवमात्र की वंदना...
View Wallpaper [ श्रीरामचरितमानस बालकाण्ड तुलसीदासजी की दीनता और राम भक्तिमयी कविता की महिमा]
श्रीरामचरितमानस बालकाण्ड तुलसीदासजी की दीनता और राम भक्तिमयी कविता की महिमा...
View Wallpaper [ श्रीरामचरितमानस बालकाण्ड कवि वंदना]
श्रीरामचरितमानस बालकाण्ड कवि वंदना...
View Wallpaper [ श्रीरामचरितमानस बालकाण्ड वाल्मीकि वेद ब्रह्मा देवता शिव पार्वती आदि की वंदना]
श्रीरामचरितमानस बालकाण्ड वाल्मीकि वेद ब्रह्मा देवता शिव पार्वती आदि की वंदना...
View Wallpaper [ श्रीरामचरितमानस बालकाण्ड श्री सीतारामधामपरिकर वंदना]
श्रीरामचरितमानस बालकाण्ड श्री सीतारामधामपरिकर वंदना...
View Wallpaper [ श्रीरामचरितमानस बालकाण्ड श्री नाम वंदना और नाम महिमा]
श्रीरामचरितमानस बालकाण्ड श्री नाम वंदना और नाम महिमा...
View Wallpaper [ श्रीरामचरितमानस बालकाण्ड श्री रामगुण और श्री रामचरित् की महिमा]
श्रीरामचरितमानस बालकाण्ड श्री रामगुण और श्री रामचरित् की महिमा...
View Wallpaper [ श्रीरामचरितमानस बालकाण्ड मानस निर्माण की तिथि]
श्रीरामचरितमानस बालकाण्ड मानस निर्माण की तिथि...
View Wallpaper [ श्रीरामचरितमानस बालकाण्ड मानस का रूप और माहात्म्य]
श्रीरामचरितमानस बालकाण्ड मानस का रूप और माहात्म्य...
View Wallpaper [ श्रीरामचरितमानस बालकाण्ड याज्ञवल्क्यभरद्वाज संवाद तथा प्रयाग माहात्म्य]
श्रीरामचरितमानस बालकाण्ड याज्ञवल्क्यभरद्वाज संवाद तथा प्रयाग माहात्म्य...
View Wallpaper [ श्रीरामचरितमानस बालकाण्ड सती का भ्रम श्री रामजी का ऐश्वर्य और सती का खेद]
श्रीरामचरितमानस बालकाण्ड सती का भ्रम श्री रामजी का ऐश्वर्य और सती का खेद...
View Wallpaper [ अर्जुनविषादयोग अध्याय एक ]
अर्जुनविषादयोग अध्याय एक ...
View Wallpaper [ सांख्ययोग अध्याय दो ]
सांख्ययोग अध्याय दो ...
View Wallpaper [ कर्मयोग ~ अध्याय तीन ]
कर्मयोग ~ अध्याय तीन ...
View Wallpaper [ ज्ञानकर्मसंन्यासयोग अध्याय चार]
ज्ञानकर्मसंन्यासयोग अध्याय चार...
View Wallpaper [ कर्मसंन्यासयोग ~ अध्याय पाँच]
कर्मसंन्यासयोग ~ अध्याय पाँच...
View Wallpaper [ आत्मसंयमयोग अध्याय छठा ]
आत्मसंयमयोग अध्याय छठा ...
View Wallpaper [ ज्ञानविज्ञानयोग अध्याय सातवाँ ]
ज्ञानविज्ञानयोग अध्याय सातवाँ ...
View Wallpaper [ अक्षरब्रह्मयोग अध्याय आठवाँ ]
अक्षरब्रह्मयोग अध्याय आठवाँ ...
View Wallpaper [ राजविद्याराजगुह्ययोग अध्याय नौवाँ ]
राजविद्याराजगुह्ययोग अध्याय नौवाँ ...
View Wallpaper [ विभूतियोग अध्याय दसवाँ ]
विभूतियोग अध्याय दसवाँ ...
View Wallpaper [ विश्वरूपदर्शनयोग अध्याय ग्यारहवाँ ]
विश्वरूपदर्शनयोग अध्याय ग्यारहवाँ ...
View Wallpaper [ भक्तियोग अध्याय बारहवाँ ]
भक्तियोग अध्याय बारहवाँ ...
View Wallpaper [ क्षेत्रक्षेत्रज्ञविभागयोग अध्याय तेरहवाँ ]
क्षेत्रक्षेत्रज्ञविभागयोग अध्याय तेरहवाँ ...
View Wallpaper [ गुणत्रयविभागयोग अध्याय चौदहवाँ ]
गुणत्रयविभागयोग अध्याय चौदहवाँ ...
View Wallpaper [ पुरुषोत्तमयोग अध्याय पंद्रहवाँ ]
पुरुषोत्तमयोग अध्याय पंद्रहवाँ ...
View Wallpaper [ दैवासुरसम्पद्विभागयोग अध्याय सोलहवाँ ]
दैवासुरसम्पद्विभागयोग अध्याय सोलहवाँ ...
View Wallpaper [ हनुमान सहस्त्र नाम ]
हनुमान सहस्त्र नाम ...
View Wallpaper [ श्री शिवमहिम्नस्तोत्रम्]
श्री शिवमहिम्नस्तोत्रम्...
View Wallpaper [ भगवती स्तोत्र]
भगवती स्तोत्र...
View Wallpaper [ अर्गला स्तोत्रम्]
अर्गला स्तोत्रम्...
View Wallpaper [ नारायण स्तोत्रम्]
नारायण स्तोत्रम्...
View Wallpaper [ नारायण सुक्ता]
नारायण सुक्ता...
View Wallpaper [ श्री वेंकटेश्वर सुप्रभात]
श्री वेंकटेश्वर सुप्रभात...
View Wallpaper [ आच्यता अष्टकोम]
आच्यता अष्टकोम...
View Wallpaper [ गोविन्दा शक्तम]
गोविन्दा शक्तम...
View Wallpaper [ अश्ता लक्ष्मी स्तोत्रम्]
अश्ता लक्ष्मी स्तोत्रम्...
View Wallpaper [ दक्षहां मुर्थ् स्तोत्रम् ]
दक्षहां मुर्थ् स्तोत्रम् ...
View Wallpaper [ कालभैरवाष्टकम्]
कालभैरवाष्टकम्...
View Wallpaper [ शिव तांडव स्तोत्रम]
शिव तांडव स्तोत्रम...
View Wallpaper [ श्री द्वादश ज्योतिर्लिङ्ग स्तोत्रम्]
श्री द्वादश ज्योतिर्लिङ्ग स्तोत्रम्...
View Wallpaper [ मधुराष्टकं]
मधुराष्टकं...
View Wallpaper [ श्री महिषासुरमर्दिनि स्तोत्रम् ]
श्री महिषासुरमर्दिनि स्तोत्रम् ...
View Wallpaper [ गणेश जी की आरती]
गणेश जी की आरती...
View Wallpaper [ श्री गंगाजी की आरती]
श्री गंगाजी की आरती...
View Wallpaper [ श्री रामायणजी की आरती]
श्री रामायणजी की आरती...
View Wallpaper [ श्री सरस्वतीजी की आरती]
श्री सरस्वतीजी की आरती...
View Wallpaper [ श्री वैष्णोजी की आरती]
श्री वैष्णोजी की आरती...
View Wallpaper [ बृहस्पति देवता की आरती]
बृहस्पति देवता की आरती...
View Wallpaper [ बालाजी की आरती]
बालाजी की आरती...
View Wallpaper [ भगवान श्री हरि विष्णु जी की आरती]
भगवान श्री हरि विष्णु जी की आरती...
View Wallpaper [ दुर्गा जी की आरती]
दुर्गा जी की आरती...
View Wallpaper [ हनुमानजी की आरती]
हनुमानजी की आरती...
View Wallpaper [ काली माता की आरती]
काली माता की आरती...
View Wallpaper [ लक्ष्मीजी की आरती]
लक्ष्मीजी की आरती...
View Wallpaper [ संतोषी माता की आरती]
संतोषी माता की आरती...
View Wallpaper [ शिवजी की आरती]
शिवजी की आरती...
View Wallpaper [ श्रीकृष्ण जी की आरती]
श्रीकृष्ण जी की आरती...
View Wallpaper [ श्री कुंज बिहारी की आरती]
श्री कुंज बिहारी की आरती...
View Wallpaper [ मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने]
मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने...
View Wallpaper [ मेरा मन पंछी ये बोले उर बृन्दाबन जाऊँ]
मेरा मन पंछी ये बोले उर बृन्दाबन जाऊँ...
View Wallpaper [ मीठे रस से भरी रे राधा रानी लागे]
मीठे रस से भरी रे राधा रानी लागे...
View Wallpaper [ राधा का नाम अनमोल बोलो राधे राधे]
राधा का नाम अनमोल बोलो राधे राधे...
View Wallpaper [ न जी भर के देखा ना कुछ बात की]
न जी भर के देखा ना कुछ बात की...
View Wallpaper [ ज़रा इतना बता दे कान्हा तेरा रंग काला क्यों]
ज़रा इतना बता दे कान्हा तेरा रंग काला क्यों...
View Wallpaper [ साईं राम साईं श्याम साईं भगवान शिर्डी के दाता सबसे महान]
साईं राम साईं श्याम साईं भगवान शिर्डी के दाता सबसे महान...
View Wallpaper [ हे माँ संतोषीमाँ संतोषी॥]
हे माँ संतोषीमाँ संतोषी॥...
View Wallpaper [ सुखी बसे संसार सब दुखिया रहे न कोय]
सुखी बसे संसार सब दुखिया रहे न कोय...
View Wallpaper [ तेरे लाला ने माटी खाई जसोदा सुन माई]
तेरे लाला ने माटी खाई जसोदा सुन माई...
View Wallpaper [ राधे राधे बोल श्याम भागे चले आयंगे]
राधे राधे बोल श्याम भागे चले आयंगे...
View Wallpaper [ मत कर तू अभिमान रे बंदे, झूठी तेरी शान रे ।]
मत कर तू अभिमान रे बंदे, झूठी तेरी शान रे ।...
View Wallpaper [ तेरे मन में राम तन में राम रोम रोम में राम रे]
तेरे मन में राम तन में राम रोम रोम में राम रे...
View Wallpaper [ वो काला एक बांसुरी वाल सुध बिसरा गया मोरी रे]
वो काला एक बांसुरी वाल सुध बिसरा गया मोरी रे...
View Wallpaper [ दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी अँखियाँ प्यासी रे]
दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी अँखियाँ प्यासी रे...
View Wallpaper [ हे नाम रे सबसे बड़ा तेरा नाम]
हे नाम रे सबसे बड़ा तेरा नाम...
View Wallpaper [ अचला एकादशी]
अचला एकादशी...
View Wallpaper [ अगहन मास की कथा]
अगहन मास की कथा...
View Wallpaper [ आषाढ़ मास की कथा]
आषाढ़ मास की कथा...
View Wallpaper [ आश्विन मास की कथा]
आश्विन मास की कथा...
View Wallpaper [ बड़ सायत अमावस वट् सावित्री पूजन ]
बड़ सायत अमावस वट् सावित्री पूजन ...
View Wallpaper [ वैशाख मास की कथा]
वैशाख मास की कथा...
View Wallpaper [ भाद्रपद ( भादो ) मास की कथा]
भाद्रपद ( भादो ) मास की कथा...
View Wallpaper [ चैत्र मास की कथा]
चैत्र मास की कथा...
View Wallpaper [ देवशयनी एकादशी]
देवशयनी एकादशी...
View Wallpaper [ फाल्गुन मास की कथा ]
फाल्गुन मास की कथा ...
View Wallpaper [ गंगावतरण की कथा]
गंगावतरण की कथा...
View Wallpaper [ गनगौर व्रत]
गनगौर व्रत...
View Wallpaper [ गुरू पूर्णिमा व्यास पूर्णिमा ]
गुरू पूर्णिमा व्यास पूर्णिमा ...
View Wallpaper [ ज्येष्ठ मास की कथा]
ज्येष्ठ मास की कथा...
View Wallpaper [ कामिका एकादशी व्रत की कथा]
कामिका एकादशी व्रत की कथा...
View Wallpaper [ कार्तिक मास की कथा ]
कार्तिक मास की कथा ...